शोध एक सामूहिक प्रयास के साथ नवीनतम उपलब्धियों को साझा करने के लिए एक उत्साही मंच की ज़रूरत - प्रोफेसर एच.सी. वर्मा
महाविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए 'सुरीला' प्रयोगशाला शोध के लिए छात्रों में रूचि जगाता है । उक्त बातें टी. पी. एस. कॉलेज, पटना के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन के दूसरे दिन भौतिकी के विद्वान प्रोफेसर एच सी वर्मा ने प्लेनरी स्पीच के दौरान कही । इस सम्मेलन में 100 से अधिक पोस्टडॉक्टरल और डॉक्टरल फेलो अनुभवी विशेषज्ञों के साथ जुड़े, जिससे ज्ञान और अनुसंधान की नवीनतम उपलब्धियों को साझा करने के लिए एक उत्साही मंच तैयार होगा ।

कलम लोक संवाददाता पटना, महाविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए 'सुरीला' प्रयोगशाला शोध के लिए छात्रों में रूचि जगाता है । उक्त बातें टी. पी. एस. कॉलेज, पटना के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन के दूसरे दिन भौतिकी के विद्वान प्रोफेसर एच सी वर्मा ने प्लेनरी स्पीच के दौरान कही । प्रोफेसर वर्मा ने छात्रों में शोध प्रक्रिया को बढ़ावा देने हेतु स्व विकसित लैब सुरीला (SUREELA) जो कि एक "छात्र शोध अनावृति प्रयोगशाला" का संक्षिप्त रूप है पर विस्तार से चर्चा की । उन्होंने लैब में उपलब्ध उपकरमहाविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए 'सुरीला' प्रयोगशाला शोध के लिए छात्रों में रूचि जगाता है । उक्त बातें टी. पी. एस. कॉलेज, पटना के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन के दूसरे दिन भौतिकी के विद्वान प्रोफेसर एच सी वर्मा ने प्लेनरी स्पीच के दौरान कही । इस सम्मेलन में 100 से अधिक पोस्टडॉक्टरल और डॉक्टरल फेलो अनुभवी विशेषज्ञों के साथ जुड़े, जिससे ज्ञान और अनुसंधान की नवीनतम उपलब्धियों को साझा करने के लिए एक उत्साही मंच तैयार होगा ।णों का परिचय दिया और उनके कार्यों की व्याख्या की । इन उपकरणों में हाइड्रोलिक प्रेस, विभिन्न प्रकार के भट्ठे, लिक्विड नाइट्रोजन और इसके कंटेनर, प्रेशर गेज, वैक्यूम पंप, तापमान सेंसर, थर्मोकपमहाविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए 'सुरीला' प्रयोगशाला शोध के लिए छात्रों में रूचि जगाता है । उक्त बातें टी. पी. एस. कॉलेज, पटना के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन के दूसरे दिन भौतिकी के विद्वान प्रोफेसर एच सी वर्मा ने प्लेनरी स्पीच के दौरान कही । इस सम्मेलन में 100 से अधिक पोस्टडॉक्टरल और डॉक्टरल फेलो अनुभवी विशेषज्ञों के साथ जुड़े, जिससे ज्ञान और अनुसंधान की नवीनतम उपलब्धियों को साझा करने के लिए एक उत्साही मंच तैयार होगा ।ल आदि शामिल हैं ।
सुरीला लैब में वैज्ञानिक अनुसंधान सुविधाएँ
प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि सुरीला (SUREELA) लैब में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं । उन्होंने कहा कि यह लैब विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । जो स्नातक और परास्नातक स्तर के विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए उपयोगी है । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन से एक दूसरे के कार्यों को समझने में मदद मिलती है । क्योंकि शोध एक सामूहिक प्रयास की प्रक्रिया है । उन्होंने कुछ छात्रों के केस स्टडी की भी चर्चा करते हुए इससे मिली सफलता की कहानियों को साझा किया । अंत में उन्होंने उपस्थित लोगों के प्रश्नों का रोचक अंदाज़ में उत्तर दिया । इस सम्मेलन में 100 से अधिक पोस्टडॉक्टरल और डॉक्टरल फेलो अनुभवी विशेषज्ञों के साथ जुड़े, जिससे ज्ञान और अनुसंधान की नवीनतम उपलब्धियों को साझा करने के लिए एक उत्साही मंच तैयार होगा ।
सम्मलेन का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहन
सम्मेलन के आयोजक डॉ. शशि प्रभा दुबे ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य युवा मनों को वैज्ञानिक अन्वेषण में करियर की दिशा में प्रेरित करना है, जिससे एक अधिक स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो ।
सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए । महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने तकनीकी सत्र के मौके पर कहा इस प्रकार के सम्मेलन से विज्ञान के क्षेत्र में एक दुसरे के कार्यक्रम को समझने में मदद मिलती है क्योंकि शोध एक सामुहिक प्रयास की प्रकिया है । पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. संतोष कुमार और सह अध्यक्षता प्रो. नवेंदु शेखर जबकि दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. सुभाष प्रसाद सिंह और सह अध्यक्षता प्रो. कृष्ण नंदन प्रसाद ने की । सत्रों में रसायन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई, जिनमें स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे शामिल थे ।
शोधार्थियों ने शोध पत्र पेश किये।
दुसरे एवं तीसरे तकनीकी सत्रों में प्रो. ए. के. घोष, प्रो. राम जे. चौधरी, प्रो. अजय कुमार कुशवाहा, प्रो. अरुण कुमार सिन्हा, प्रो. रंजीत कुमार वर्मा, प्रो. राम कुमार, प्रो. बिहारी सिंह, प्रो. आशुतोष कुमार मिश्रा, प्रो. विवेक वाजपेयी, प्रो. नीलाद्री दास, डॉ. नरेश शांडिल्य, प्रो. ओम पी. सिन्हा ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए । चौथे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. अतुल आदित्य पाण्डेय एवं सह-अध्यक्षता प्रो. अबू बकर रिज़वी ने की । इस सत्र में प्रो. गिरिजेश के. पटेल, डॉ. रोहित आर. शाही, प्रो. प्रांजल चन्द्रा ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किऐ ।
मीडिया प्रभारी डॉ. अबु बकर रिजवी ने जानकारी दी कि सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन विशेषज्ञों के बीच शोध प्रक्रिया को बढ़ावा देने हेतु विस्तृत चर्चा की जाएगी ।
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