शिक्षा अधिकारी की नाक के नीचे बिना शौचालय के ही संचालित हो रहा है कन्या प्रार्थमिक विद्यालय।।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने की बात हो रही है और दूसरी तरफ जिले में बहुत से सरकारी स्कूल आज भी ऐसे हैं जो बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं।
कलम लोक संवाददाता : स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने की बात हो रही है और दूसरी तरफ जिले में बहुत से सरकारी स्कूल आज भी ऐसे हैं जो बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं। बक्सर का शहरी क्षेत्र पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है और बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के 500 मीटर के दूरी पर संचालित हो रहे कन्या प्राथमिक विद्यालय में ही शौचालय नहीं है।
सबसे अधिक परेशानी की बात यह है कि जिले के परिषदीय स्कूलों के सबसे बड़े अधिकारी कि नाक के नीचे के स्कूल का ऐसा हाल हो तो इससे गम्भीर बात और क्या हो सकती है । कलम लोक संवाददाता ने जब स्कूल का औचक निरीक्षण किया तो इस स्कूल में शौचालय न होने की बात पर उन्हें भी आश्चर्य हुआ।
कन्या विद्यालय में अब तक नहीं हो सका शौचालय का निर्माण
जिले का परिषदीय स्कूल बिना शौचालय के ही संचालित किया जा रहा है। गांव के स्कूलों के साथ-साथ शहर के स्कूलों की भी यही स्थिति बनी हुई है। इस स्कूल में 162 बच्चे पढ़ रहे हैं और स्कूल में केवल दो कमरा है जहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
स्कूल की जर्जर हालत को देखकर अधिकारियों ने भी कभी इसका उद्धार करने की कोशिश नहीं की। स्कूल की औचक निरीक्षण पर संवाददाता पहुंचे तो बुनियादी व्यवस्था स्कूल की हाल को देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ। इस कन्या विद्यालय में शौचालय का न होना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। एक ऐसा स्कूल जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के 500 मीटर पर ही संचालित हो रहा है।
विद्यालय में मुश्किल से बन सका क्लासरूम
क़लम लोक संवाददाता ने जब विद्यालय में शौचालय न होने के बारे में विद्यालय की प्रधानाचार्य से बात की तो उनका कहना था कि विद्यालय के लिए जिन सज्जन ने ज़मीन दान की थी उनकी तरफ से विद्यालय में शौचालय बनाये जाने पर पाबन्दी है। प्रधानाचार्या ने यह भी कहा कि विद्यालय में क्लास रूम नहीं होने से हो रही परेशानी को देखते हुए गणतंत्र दिवस के अवसर पर इलाक़े के कुछ मानिन्द लोगों के हस्तक्षेप के बाद ही विद्यालय में क्लास रूम भी बन सका था।
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