डिप्रेशन से बचें: व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है गहरा असर।
नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025
आधुनिक जीवनशैली की भागदौड़, तनाव और सामाजिक दबाव ने डिप्रेशन को एक गंभीर वैश्विक समस्या बना दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 5.7 करोड़ लोग डिप्रेशन से प्रभावित हैं। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि व्यक्तिगत जीवन, रिश्तों और करियर पर भी गहरा असर डालता है। इस लेख में हम डिप्रेशन के प्रभावों की तुलना स्वस्थ मानसिक स्थिति से करेंगे और यह समझेंगे कि समय रहते कदम उठाकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
डिप्रेशन के साथ स्वस्थ मानसिक स्थिति
आपसी रिश्तों पर प्रभाव
डिप्रेशन के कारण व्यक्ति अक्सर परिवार और दोस्तों से दूरी बना लेता है। उदासीनता और चिड़चिड़ापन रिश्तों में तनाव पैदा करता है।
स्वस्थ व्यक्ति रिश्तों में सक्रिय रहता है, खुलकर बात करता है और भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखता है।
कार्यस्थल पर एकाग्रता की कमी, थकान और प्रेरणा की कमी के कारण उत्पादकता घटती है। कई बार नौकरी छूटने का खतरा बढ़ जाता है।
स्वस्थ मानसिकता वाला व्यक्ति ऊर्जावान रहता है, लक्ष्य निर्धारित करता है और कार्यों को समय पर पूरा करता है।
डिप्रेशन नींद की कमी, भूख में बदलाव और शारीरिक कमजोरी का कारण बनता है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
स्वस्थ व्यक्ति नियमित नींद, संतुलित आहार और व्यायाम के साथ शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखता है।
आत्मविश्वास
डिप्रेशन आत्मसम्मान को कम करता है, जिससे व्यक्ति खुद को कमतर आंकने लगता है और निर्णय लेने में हिचकिचाता है।
स्वस्थ मानसिक स्थिति में व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है और जोखिम लेने से नहीं डरता।
जीवन के प्रति दृष्टिकोण
निराशा, उदासी और भविष्य के प्रति नकारात्मक सोच डिप्रेशन के लक्षण हैं।
सकारात्मक दृष्टिकोण, आशा और उत्साह स्वस्थ मानसिकता की पहचान है।
डिप्रेशन का व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव
डिप्रेशन केवल एक मानसिक स्थिति नहीं है; यह जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली की 28 वर्षीय सरोज (बदला हुआ नाम) ने बताया, "मैं डिप्रेशन के कारण अपने परिवार से कट गई थी। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता था, और मैं अकेले रहना पसंद करने लगी थी। मेरे रिश्ते और काम दोनों प्रभावित हुए।" दूसरी ओर, मुंबई के 32 वर्षीय राहुल, जो नियमित ध्यान और काउंसलिंग के जरिए अपनी मानसिक सेहत का ख्याल रखते हैं, कहते हैं, "जब मैं मानसिक रूप से स्वस्थ रहता हूँ, तो मेरे रिश्ते और करियर दोनों में सकारात्मक बदलाव आते हैं।"
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, "डिप्रेशन का असर व्यक्ति के सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह रिश्तों में दरार, नौकरी में नुकसान और शारीरिक स्वास्थ्य की समस्याएँ पैदा कर सकता है।" वे सलाह देती हैं कि नियमित व्यायाम, ध्यान और काउंसलिंग डिप्रेशन को नियंत्रित करने में मददगार हैं।
डिप्रेशन से बचने के उपाय
खुलकर बात करें: किसी विश्वसनीय दोस्त, परिवार के सदस्य या मनोचिकित्सक से अपनी भावनाओं को साझा करें।
नियमित दिनचर्या: सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना और संतुलित आहार लेना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सकारात्मक कंटेंट फॉलो करें, जो प्रेरणा दे। नकारात्मक पोस्ट से दूरी बनाएँ।
पेशेवर मदद: डिप्रेशन के लक्षण दिखने पर तुरंत मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करें
स्वास्थ्यवर्धक शौक: पेंटिंग, लेखन, या बागवानी जैसे शौक तनाव कम करने में मदद करते हैं।
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