हरियाणा चुनाव में दिग्गज नेताओं का अस्तित्व दाँव पर। किसके सर सजेगा ताज और कौन होगा फ़ैल।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान हो रहा है। यहां कुल 1031 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं। 22 जिलों के 90 विधानसभा में कुल मात्सताओं की संख्या 2.03 करोड़ है । इस चुनाव में कई दिग्गजों की सियासी किस्मत भी दांव पर होगी। इसमें राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जैसे कई बड़े चेहरे शामिल हैं जो अपनी क़िस्मत चुनावी मैदान में आज़मा रहे हैं।

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान हो रहा है। यहां कुल 1031 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं। 22 जिलों के 90 विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2.03 करोड़ है । इस चुनाव में कई दिग्गजों की सियासी किस्मत भी दांव पर होगी। इसमें राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जैसे कई बड़े चेहरे शामिल हैं जो अपनी क़िस्मत चुनावी मैदान में आज़मा रहे हैं।
आइये देखते हैं हरियाणा विधानसभा की सबसे दिलचस्प सीटें जिसपर दिग्गजों की क़िस्मत का फैसला आज इवीएम् में क़ैद होने वाली है।
नायब सैनी
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हरियाणा की सबसे चर्चित सीटों में से एक सीट है कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट। यहां से हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। नायब सिंह सैनी के सामने कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक मेवा सिंह पर भरोसा जताया है । आम आदमी पार्टी ने भी जोगा सिंह उमरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जननायक जनता पार्टी से विनोद कुमार शर्मा और इंडियन नेशनल लोकदल से सपना बड़शामी अपनी अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में लाडवा में कांग्रेस के मेवा सिंह ने जीत दर्ज की थी। मेवा सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार पवन सिंह सैनी को 12637 वोटों से हराया था। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी वर्तमान में करनाल विधानसभा सीट से विधायक हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया था। 2023 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने वाले सैनी ने 12 मार्च 2024 को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी ।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा की सबसे प्रमुख सीटों में से एक सीट है गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट । यह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र रोहतक जिले और रोहतक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है। रोहतक परंपरागत रूप से कांग्रेस पार्टी और हुड्डा परिवार का वर्चस्व वाला क्षेत्र माना जाता रहा है। यहां की गढ़ी-सांपला-किलोई सीट से कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा ने जिला परिषद अध्यक्ष मंजू हुड्डा को उतारा है। 2019 में यहां कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी सतीश नांदल को 58312 मतों से शिकस्त दी थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा सांपला किलोई का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं । भूपेंद्र के पिता रणवीर सिंह हुड्डा भी 1968 में किलोई सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे।
दुष्यंत चौटाला
2019 विधानसभा चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में रहने वाले दुष्यंत चौटाला उचाना कलां सीट से चुनावी मैदान में हैं। बांगर बेल्ट में जींद जिले की उचाना कलां सीट की का शुमार हरियाणा विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण सीटों में हो रहा है।
2019 में यहां जजपा की तरफ से पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रेम लता को 47452 मतों से हराया था। इस चुनाव में दुष्यंत के सामने कांग्रेस से पूर्व सांसद बृजेन्द्र सिंह, भाजपा से देवेंद्र चतर्भुज अत्री, आम आदमी पार्टी से पवन फौजी और इंडियन नेशनल लोक दल से विनोद पाल सिंह दुलगांच हैं।
अभय सिंह चौटाला
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल के पोते अभय सिंह चौटाला ऐलनाबाद सीट से एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं । इंडियन नेशनल लोक दल के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला के सामने भाजपा से अमीर चंद तलवारा और कांग्रेस से भरत सिंह बेनीवाल हैं। यहां के पुराने समीकरण देखें तो ज्यादातर मुकाबले इंडियन नेशनल लोकदल के पक्ष में रहे हैं। 2019 में ऐलनाबाद में मुख्य मुकाबला इनेलो के अभय सिंह चौटाला और भाजपा के पवन बेनीवाल में देखने को मिला था। उस चुनाव में इनेलो के अभय सिंह चौटाला 11922 मतों से जीत कर चुके हैं। भाजपा के पवन बेनीवाल ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने जनवरी 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव के बाद नवंबर 2021 में आए नतीजे में अभय सिंह चौटाला दोबारा विधायक चुने गए।
अनिल विज
हरियाणा की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है अंबाला कैंट विधानसभा सीट । यहां से हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज चुनावी मैदान में हैं। माना जा रहा है कि अंबाला कैंट सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। एक तरफ छह बार के विधायक अनिल विज हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व पार्षद परविंद्र सिंह परी मैदान में हैं। इसके साथ कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय नामांकन भरने वाली चित्रा सरवारा भी मैदान में है।
गोपाल कांडा
सिरसा विधानसभा सीट भी इन मुख्य सीटों में से एक सीट है। हरियाणा की 90 सीटों में से सिरसा ही वह सीट है जहां भाजपा का उम्मीदवार नहीं है। सिरसा में हरियाणा लोक हित के गोपाल कांडा एक बार फिर चुनाई मैदान में हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला गोपाल कांडा व कांग्रेस के गोकुल सेतिया में है। गोपाल कांडा ने भी अपने समर्थन में मजबूत किलेबंदी कर ली है। कांडा ने इनेलो व बसपा का समर्थन ले लिया। भाजपा प्रत्याशी ने भी गोपाल कांडा के समर्थन में अपना नामांकन वापिस ले लिया था। 2019 में हलोपा के गोपाल कांडा ने गोकुल सेतिया को कड़े मुकाबले में 602 मतों से हराया था।
सावित्री जिंदल
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हिसार हाई प्रोफाइल सीटों में बनी हुई है। इस सीट पर देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट पर जिंदल परिवार का प्रभाव रहा है। 1991 से 2009 तक यहां से जिंदल परिवार 5 बार मैदान में आया और पांचों बार ही जीता। तीन बार ओपी जिंदल खुद जीते तो दो बार सावित्री जिंदल जीतीं। अब इस चुनाव में सावित्री के सामने दो बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के प्रत्याशी हैं तो 2019 में यहां से हारे रामनिवास राड़ा कांग्रेस का चेहरा हैं।
विनेश फोगाट
पुरे देश की नज़र हरियाणा चुनाव में जुलाना सीट पर रहेंगी। जुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पहलवान विनेश फोगाट को अपना उम्मीदवार बनाया है। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं। विनेश के सामने भाजपा ने कैप्टन योगेश बैरागी को उतारा है। पेशे से पायलट रहे योगेश बैरागी भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष और भाजपा खेल प्रकोष्ठ (हरियाणा) के सह-संयोजक हैं। वहीं आप ने जुलाना में विनेश और योगेश के सामने WWE पहलवान कविता दलाल को उतारा है। कविता भारत की ओर से सबसे पहले WWE में जाने वाली महिला रेसलर थीं। लोग उन्हें ‘लेडी खली’ के नाम से भी जानते हैं।
रणजीत चौटाला
सिरसा जिले की रानिया सीट पर चुनावी जंग अपनों में है जिससे यह खास बनी हुई है। देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। वह रानियां विधानसभा सीट से टिकट चाह रहे थे, लेकिन भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिला। इस बात से नाराज रणजीत चौटाला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया थे। इनेलो ने देवीलाल के पड़पोते और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर भाजपा ने शीशपाल कंबोज, कांग्रेस ने सर्व मित्र कंबोज और आप ने हैप्पी रानियां को टिकट दिया है। 2019 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर रणजीत चौटाला को जीत मिली थी। उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी के गोबिंद कांडा को 19431 मतों से शिकस्त दी थी।
आदित्य सुरजेवाला
कैथल विधानसभा सीट की चुनावी जंग भी खास है। यहां सुरजेवाला परिवार की तीसरी पीढ़ी मैदान में है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। भाजपा ने यहां लीलाराम गुर्जर को उतारा है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से सतबीर सिंह और जननायक जनता पार्टी से संदीप गढ़ी मैदान में हैं। 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला भाजपा के लीलाराम गुर्जर से महज 1246 वोटों से हार गए थे।
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