'मृत बेटी को कर दूंगा जिंदा..' 23 साल पहले गिरफ्तार हुआ था हाथरस सत्संग वाला बाबा

'मृत बेटी को कर दूंगा जिंदा..'  23 साल पहले गिरफ्तार हुआ था हाथरस सत्संग वाला बाबा

Hathras Satsang Stampede: स्थानीय लोगों के मुताबिक भोले बाबा’ पहले आगरा स्थित अपने गांव में ही सत्संग किया करता था लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी, इसलिये गांव में सत्संग बंद कर दिया।

New Delhi. उत्तर प्रदेश के हाथरस में मानव मंगल मिलन समागम समारोह में मंगलवार को मची भगदड़ के बाद से स्वयंभू बाबा सूरजपाल जिसे लोग भोले बाबा कहते हैं, फरार चल रहा है। इस बीच, उसकी कई पुरानी कहानियां परत दर परत खुलकर सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक कहाने है जिसमें सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि 23 साल पहले अपनी मृतक दत्तक पुत्री को जिंदा करना का दावा करने के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। उस वक्त वह आगरा के अपने पैतृक गांव बहादुरनगर में रहता था। हालांकि, सबूतों के अभाव में अदालत ने उसे बरी कर दिया था।

दरअसल, वर्ष 2000 में यूपी पुलिस ने उसे ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954 के तहत गिरफ्तार किया था। उसके साथ उसके छह अन्य अनुयायियों को भी जादू-टोना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2000 में दर्ज FIR की रिपोर्ट के हवाले से इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सूरजपाल को कोई संतान नहीं थी, तब उसने अपनी भतीजी को गोद ले लिया था। वह बच्ची कैंसर से पीड़ित थी।

रिपोर्ट में उस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया है कि एक दिन वह बच्ची बेहोश हो गई। तब सूरजपाल के अनुयायियों ने दावा किया कि भोले बाबा जादुई चमत्कार से बच्ची को ठीक कर देंगे। बच्ची थोड़े समय बाद ठीक भी हो गई लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। जब परिजन बच्ची के शव को अंतिम संस्कार करने के लिए श्मासन घाट ले गए तो वहां सूरजपाल के चेलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और इस बात पर अड़ गए कि बाबा मरी हुई बच्ची को जिंदा कर देंगे।

काफी हंगामे के बाद श्मसान घाट पर पुलिस पहुंच गई। वहां उसे लाठीचार्ज तक करना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने बाबा भोले यानी सूरजपाल और उसके छह अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, बाद में अदालत ने उन सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। बता दें कि इसी भोले बाबा के सत्संग में हाथरस में भगदड़ मची है, जिसकी वजह से 121 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, ‘भोले बाबा’ पहले अपने गांव में ही सत्संग करता था लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी, इसलिये गांव में सत्संग बंद कर दिया। उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगता था।  नारायण हरि ‘भोले बाबा’ हाथरस के सिकन्दराराऊ में मंगलवार को एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की घटना के बाद से खासी चर्चा में है।

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