बवाल के बाद भी शपथ में जय फिलिस्तीन पर कायम असदुद्दीन ओवैसी

बताया क्यों किया जिक्र
बवाल के बाद भी शपथ में जय फिलिस्तीन पर कायम असदुद्दीन ओवैसी

ओवैसी ने शपथ से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ा। इसके बाद उन्होंने उर्दू में शपथ ली। शपथ पूरी हो जाने के बाद उन्होंने जिन शब्दों के साथ समाप्त किया उनमें जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फिलीस्तीन शामिल थे।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद जो कहा, उससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। उर्दू में शपथ लेने के बाद ओवैसी ने युद्धग्रस्त फिलिस्तीन का जिक्र करते हुए, उसके प्रति एकजुटता व्यक्त की। ओवैसी ने शपथ ग्रहण के बाद अपने गृह राज्य तेलंगाना और मीम (अपनी पार्टी) के जयकारे लगाए। अब विवाद के बाद ओवैसी ने अपने इस कदम का बचाव किया है।

हैदराबाद के पांच बार सांसद रहे ओवैसी द्वारा दिए गए नारों पर सत्ता पक्ष के सदस्यों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। जिसके बाद अध्यक्ष ने इसे आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा दिया। उस समय पीठासीन अधिकारी रहे भाजपा नेता राधा मोहन सिंह ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि औपचारिक शपथ से परे कोई भी बयान दर्ज नहीं किया जाएगा। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि केवल शपथ या प्रतिज्ञान को ही आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जा रहा है।

ओवैसी ने शपथ से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ा। इसके बाद उन्होंने उर्दू में शपथ ली। शपथ पूरी हो जाने के बाद उन्होंने जिन शब्दों के साथ समाप्त किया उनमें जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फिलीस्तीन शामिल थे। आखिर में ओवैसी ने 'अल्लाह हू अकबर' भी कहा। ओवैसी के 'जय फिलीस्तीन' कहने पर सदन में बीजेपी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया।

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