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Tokyo Olympic 2021: कमलप्रीत कौर का सपना होगा साकार
कमलप्रीत कौर का सपना होगा साकार, पिता से कर लिया है सबसे बड़ा वादा
भारत की 25 वर्षीय डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर ने क्वालिफिकेशन में शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए फाइनल का टिकट हासिल कर लिया।
Tokyo Olympic 2021: Tokyo Olympic में देश को कुछ ही अच्छे नतीजे अभी तक प्राप्त हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खुशनुमा नतीजा 31 जुलाई की सुबह एथलेटिक्स में आया, जब पहली बार भारत की 25 वर्षीय डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर ने क्वालिफिकेशन में शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए फाइनल का टिकट हासिल कर लिया और अबएथलेटिक्स में भारत के लिए पहले ओलिंपिक मेडल की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कमलप्रीत की इस उपलब्धि से पूरे देश को उन पर गर्व है, लेकिन उनकी संतुष्टि इतने से ही नहीं हैं। वे मेडल लाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने को तत्पर हैं।
महिलाओं के चक्का फेंक में रिकॉर्ड बनाने वाली कमलप्रीत ने शनिवार को आयोजित क्वालिफिकेशन राउंड में लगातार तीन प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन किया और हर प्रयास के साथ अपना लोहा मनवाया। कमलप्रीत ने तीसरे प्रयास में लक्ष्य हासिल कर लिया और फाइनल का टिकट हासिल कर लिया। जाहिर है उनके इस प्रदर्शन से न सिर्फ सभी अचंभित थे, बल्कि मेडल की उम्मीदों अब और जग गई हैं।
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फाइनल जीतने का वायदा पूरा कर पाएंगी कमलप्रीत?
कमलप्रीत कौर फाइनल में अपना पूरा दम-खम लगाएंगी। इसके लिए उन्होंने अपने पिता से वायदा भी किया है. पंजाब राज्य के काबरवाला गांव की निवासी कमलप्रीत कौर के पिता कुलदीप सिंह ने पत्रकारों से कहा कि मेरी आज उससे बात हुई है और वह बेहद खुश थी. उसने मुझसे वादा किया है कि वह फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी। उसने हमेशा लक्ष्य पाने के लिए जी तोड़ मेहनत की है और कड़ी मेहनत करके फाइनल का मुकाम उसने हासिल कर लिया है।
इतिहास रच सकती है कमलप्रीत
टोक्यो ओलिंपिक में 2 अगस्त को आयोजित होने वाले डिस्कस थ्रो के फाइनल में कमलप्रीत इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाने मैदान में उतरेंगी। यदि यहां उन्हें कोई मुकाम हासिल हो जाता है या कोई भी मेडल वे अपने नाम कर पाती हैं तो देश के इतिहास में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली एथलीट बन जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 1960 के रोम ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 400 मीटर रेस में मेडल के करीब आने के बावूजद मिल्खा सिंह से थोड़ी चूक हो गई और वे चौथे स्थान पर रहे थे. वहीं 1984 में आयोजित ओलिंपिक में पीटी ऊषा भी चौथा स्थान ही प्राप्त कर सकी थीं।
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