BJP से रिश्‍तों पर बदली चिराग पासवान की भाषा

RJD के बड़े नेता से दिल्‍ली में हुई मुलाकात
BJP से रिश्‍तों पर बदली चिराग पासवान की भाषा

Bihar Politics भाजपा के साथ अपनी पार्टी के रिश्‍ते पर उनकी सोच अब बदलती दिख रही है। इस बीच एक बड़ी खबर है कि दिल्‍ली में राजद (RJD) के वरिष्‍ठ नेता ने उनसे मुलाकात की है।

Bihar Politics: अपनी ही पार्टी में संकट (Conflict in LJP) का सामना कर रहे चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अब अपनी रणनीति बदलने के संकेत दिए हैं। भाजपा के साथ अपनी पार्टी के रिश्‍ते पर उनकी सोच अब बदलती दिख रही है। इस बीच एक बड़ी खबर है कि दिल्‍ली में राजद (RJD) के वरिष्‍ठ नेता ने उनसे मुलाकात की है। इससे पहले राजद के एक विधायक से उनकी मुलाकात चर्चा में रही। पार्टी में टूट के बाद अपने पिता की जयंती मनाने और आशीर्वाद यात्रा (Aashirvad Yatra of Chirag Paswan in Bihar) के लिए बिहार आए चिराग अचानक दिल्‍ली लौट गए हैं। इससे पहले उन्‍होंने कहा कि भाजपा और एनडीए के साथ गठबंधन पर अब चुनाव के वक्‍त विचार किया जाएगा।

राजद के राष्‍ट्रीय महासचिव से हुई मुलाकात

दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय जनता दल के राष्‍ट्रीय महासचिव श्‍याम रजक ने चिराग से मुलाकात की है। हालांकि रजक ने इस मुलाकात ने व्‍यक्तिगत बताया है, लेकिन सियासी हलके में इसको लेकर चर्चाएं तेज हैं। राजद नेता ने शनिवार को दिल्‍ली में अपने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी। इस बीच चिराग का बिहार में अपना कार्यक्रम छोड़ कर अचानक दिल्‍ली पहुंचना और दोनों के बीच मुलाकात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। तेजस्‍वी यादव पहले ही चिराग को महागठबंधन के साथ आने का न्‍योता दे चुके हैं।

श्‍याम रजक ने ट्विटर पर साझा की हैं तस्‍वीरें

श्‍याम रजक ने चिराग के साथ अपनी तस्‍वीर ट्विटर पर साझा करते हुए बताया कि शनिवार को उनकी नई दिल्ली स्थित 12 जनपथ आवास पर चिराग से मुलाकात हुई। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान आदरणीय बड़े भाई  स्वर्गीय रामविलास पासवान की धर्मपत्नी रीना पासवान से भी उनकी मुलाकात हुई। उन्‍होंने इसे एक शिष्टाचार मुलाकात बताया है। हालांकि उन्‍होंने यह भी जोड़ा है कि लोजपा और राजद साथ आते हैं तो इसमें कुछ भी अस्‍वभाविक नहीं होगा।

खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे हैं

चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे हैं। उनके ऐसे बयान कुछ दिनों पहले तक आए हैं। उन्‍होंने हमेशा खुद को केंद्र में एनडीए का अनन्‍य सहयोगी बताया है। बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में वे भाजपा-जदयू-वीआइपी-हम के गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के साथ हमेशा संबंध बनाए रखने की बात कही। बदले माहौल में उनका ये कहना कि चुनाव के वक्‍त भाजपा से रिश्‍ते तय होंगे, एक बदलाव का संकेत देता है।

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