बिहार आरक्षण कानून रद्द; सिक्किम में 85%, राजस्थान में 64%

जानें बाकी राज्यों में कितना रिजर्वेशन?

पटना हाईकोर्ट ने बिहार आरक्षण कानून को रद्द कर दिया है। लेकिन देश के कई राज्यों में 55 फीसदी से ज्यादा आरक्षण हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सिक्किम में 85%, राजस्थान में 64% और यूपी में 60% आरक्षण है।

Patna. बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण 2023 में कराया। इस आधार पर एससी, एसटी, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ाया। यह काम मंडल कमीशन की अनुशंसा के अनुसार 30 वर्ष बाद समीक्षा करने की पहल थी। हालांकि पटना हाईकोर्ट ने  इसे असंवैधानिक करार दिया है। वैसे देश के अलग-अलग राज्यों में आरक्षण सीमा में अंतर है। वर्गों की आबादी के हिसाब से आरक्षण तय किया गया है। देश के कई राज्यों में आरक्षण की सीमा 60 फीसदी से अधिक है। 

सिक्किम में 85 फीसदी आरक्षण है। इसमें 7 फीसदी एससी, 18 एसटी, 40 ओबीसी और 20 फीसदी अन्य स्थानीय समुदाय के लिए तय है। राजस्थान में 64 फीसदी आरक्षण है। इसमें 16 फीसदी एससी, 12 एसटी, 21 ओबीसी, 10 फीसदी गरीब सवर्ण और 5 फीसदी एमबीसी वर्ग के लिए है। तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण में 18 फीसदी एससी, एक एसटी और 50 फीसदी ओबीसी का है। तेलंगाना में 54 फीसदी आरक्षण है। इसमें 15 फीसदी एससी, 29 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटा निर्धारित है। 

यूपी में कुल 60 फीसदी आरक्षण में 21 एससी, 2 एसटी, 27 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है। पश्चिम बंगाल में 55 फीसदी आरक्षण में 22 फीसदी एससी, 6 एसटी, 17 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है। ओडिशा में 59 फीसदी आरक्षण है, इसमें 16 एसटी, 22 एसटी, 11 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है।

उत्तराखंड में सिर्फ 47 फीसदी आरक्षण है। इसमें 19 फीसदी एससी, 4 एसटी, 14 ओबीसी  और 10 ईडब्ल्यूएस के लिए है। मध्यप्रदेश में 60 फीसदी आरक्षण में 16 एससी, 20 एसटी, 14 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए निर्धारित है। केरल में भी 60 फीसदी आरक्षण है, इसमें 8 एससी, 2 एसटी, 40 ओबीसी और दस फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है। गुजरात तें 58 फीसदी आरक्षण में 7 एससी, 14 एसटी, 27 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है। 

दिल्ली में 59 फीसदी आरक्षण में 15 फीसदी एससी, 7 एसटी, 27 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है। छत्तीसगढ़ में 69 फीसदी आरक्षण में 13 एससी, 32 एसटी, 14 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है।झारखंड में 60 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। इसमें 10 एससी, 26 एसटी, 14 ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए है।

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